आसियान-इंडिया हैकाथॉन का समापन समारोह

आसियान-इंडिया हैकाथॉन का समापन समारोह

 

दिनांक: 04 फरवरी, 2021

 

माननीय शिक्षा मंत्री, डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

 

भारत के यशस्‍वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्‍द्र मोदी जी की प्रेरणा से आज के इस ऐतिहासिक आसियान-इंडिया हैकाथॉन में उपस्‍थित सभी अतिथियों का मैं स्‍वागत करता हूं। इस अवसर पर हमारे साथ जुड़े भारत के यशस्‍वी विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर जी,श्री हाजी सुलेमान जी, माननीय शिक्षा मंत्री, ब्रुनेई, माननीय डाक एवं दूरसंचार मंत्री, कम्‍बोडिया,डॉ. नोरेनी अहमद माननीय उच्‍च शिक्षा मंत्री, मलेशिया, श्री लारेंस वोंग माननीय शिक्षा मंत्री, सिंगापुर, डॉ. नताफोल तेप्पसुवान माननीय शिक्षा मंत्री, थाईलैंड,डॉ. कोंगसी सेंग्मनी माननीय उप-शिक्षा मंत्री, लाओस, मेरे साथ जुड़े एआईसीटीई के चैयरमेन प्रो. अनिल सहस्‍त्रबुद्धे, हमारे साथ जुड़ी सचिव, विदेश मंत्रालय सुश्री रीवा गांगुली दास, शिक्षा मंत्रालय के अपर सचिव श्री राकेश रंजन जी, मुख्‍य नवाचार अधिकारी, शिक्षा मंत्रालय, डॉ. अभय जैरे, विदेश मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और आसियान देशों के सभी अधिकारी, छात्र-छात्राएं। मैं आज इस बहुत ही महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम में आप सबका स्‍वागत कर रहा हूं। पिछले तीन दिनों से सभी 54 टीमों ने कई समस्‍याओं पर बहुत ही मेहनत की है।

मुझे ज्‍युरी और मेंटर्स ने जो अवगत कराया है कि  वो इस हैकाथॉनके दौरान प्रतिभागियों द्वारा किये गये काम की गुणवत्‍ता एवं प्रखरता से काफी खुश हैं। आज की इस वैश्‍विक माहमारी के दौर में चुनौती के साथ-साथ मानव जाति के लिए नए अवसरों को भी प्रस्‍तुत किया है। ऐसे समय में आप सबका आसियान इंडिया हैकाथॉनके लिए एक साथ उपस्‍थिति होने पर मैं अभिनंदन करता हूं और मुझे बहुत खुशी हो रही है। हालांकि इस हैकाथॉन की 11 विजेता टीम है परंतु मेरा मानना है कि आप सभी 11 देशों के छात्र-छात्राओं ने जिन्‍होंने इसमें भागीदारी की है, आप सभी विजेता हैं। मैं आप सभी को आपकी सक्रिय सहभागिता के लिए बहुत बधाई देना चाहता हूं।

मैं इस अवसर पर नील आर्मस्‍ट्रांग के उन शब्‍दों का उल्‍लेख करना चाहता हूं जो उन्‍होंने चांद पर पहला कदम रखते हुए कहे थे कि यह मनुष्‍य के लिए एक छोटा सा कदम है परंतु मानव जाति के लिए बड़ी छलांग है। उसी तरह यह हैकाथॉनचाहे एक छोटी-सी शुरूआत है लेकिन मुझे भरोसा है कि भविष्‍य में आसियान क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्‍त करेगा। आप जानते हैं कि विज्ञान ही नवाचार और प्रौद्योगिकी को सक्षम बनाता है, उसी प्रकार आसियान इंडिया हैकाथॉनको भी विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार योजना के दृष्‍टिकोण के साथ रेखांकित भी किया गया है। भारत सभी क्षेत्रों में काम करते हुए आसियान देशों को सहयोग प्रदान करने के लिए सक्षम है। सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत स्‍थापित हमारे पहले दुनिया के बेहतरीन आईआईटी हैं तथा स्‍थापित उद्योगों का भी सहयोग है,जिनका उपयोगआसियान क्षेत्र के विकास के लिए किया जा सकता है।

हम ज्ञान योजना के माध्‍यम से भारत में उच्‍च शिक्षा संस्‍थानों के साथ अपने जुड़ाव को प्रोत्‍साहित करने के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वैज्ञानिकों, उद्यमों और प्रतिभाओं के उपयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। इस ध्‍येय को हमने ज्ञान के आवंटन में भी बजट के उद्देश्‍य से 1.6 मिलियन अमेरिकन डॉलर से दोगुना किया है। साथ ही, अनुसंधान पारिस्‍थितिकी, प्रधानमंत्री अध्‍येतावृत्‍ति, स्‍पार्क, स्‍ट्राइड, इम्‍प्रिंट, इम्‍प्रैस सहित अन्‍य शोध योजनाओं को भी हम बढ़ावा दे रहे हैं। एंटरप्राइजेस स्‍पोर्ट आत्‍मनिर्भर भारत में रोजगार सृजन करते हुए सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उपक्रमों के आकार में वृद्धि हेतु सबलता से काम किया जा रहा है। 6.3 मिलियन लघु उद्योग हैं। आसियान देश अपनी अर्थव्‍यवस्‍थाओं को बढ़ाने के लिए भारत के संसाधनों का बहुत अच्‍छी तरीके से उपयोग कर सकते हैं। जनजागरण का विकास, आसियान और भारतीय समुदाय में नवाचार, पैटेंट के बारे में जागरूकता विकसित करने की आवश्‍यकता है, हम छात्रों में व्‍यावहारिक जागरूकता विकसित करने के लिए इंटर्नशिप के माध्‍यम और प्रावधान को भी ध्‍यान में रख रहे हैं इंटर्नशिप को बढ़ावा देने के लिए यह एक अच्‍छा विचार है कि हम आसियान देशों और भारतीय छात्रों के बीच शिक्षा क्षेत्र में गतिशीलता के लिए एक पारस्‍परिक कार्यक्रम शुरू करें। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्‍व में शिक्षा तंत्र व्‍यापक सुधारों और परिवर्तनों का साक्षी बन रहा है।

चार वर्ष पहले हमने भारत में हैकाथान के माध्‍यम से समस्‍याओं को हल करने की शुरूआत की थी। यह सब हमारे स्‍मार्ट इंडिया हैकाथॉन पहल के साथ शुरू हुआ और अब कई राज्‍य, शहरों यहां तक की छोटे-छोटे शहरों में भी भारत में नवोन्‍मेषी विचार प्राप्‍त करने और समस्‍याओं को हल करने के लिए युवाओं को प्रोत्‍साहित करने के लिए हैकाथॉन का आयोजन किया जा रहा है। चाहे स्‍मार्ट इंडियाहैकाथॉनहो, सिंगापुर इंडियाहैकाथॉनहो, कोविड ड्रग डिस्‍कवरी हैकाथॉनहो, टॉय हैकाथॉनहो, इन सभी के माध्‍यम से अनुसंधान और विकास तंत्र को हम लगातार मजबूत कर रहे हैं। चाहे आसियान देशों के 1000 पीएच.डी फैलोशिप का प्रावधान हो, चाहे अब आसियान-इंडिया हैकाथॉन यह सभी प्रयास भारत द्वारा की गई प्रगति को दर्शातें हैं। हाल ही में घोषित वार्षिक बजट में हमने आसियान देशों के छात्रों को पीएच.डी करने हेतु बजट आवंटन को दोगुने से भी अधिक 1.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया है जो हमारी प्रगति का द्योतक है।

मैं इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी जी और उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए धन्‍यवाद देनाचाहता हूं जिनके कारण आसियान देशों के साथ शिक्षा मंत्रालय शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए सक्षम हो रहा है। हम 34 वर्षों के बाद राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति भी लेकर आये हैं और मुझे यकीन है कि राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आने से यह संबंध ओर भी मजबूत होंगे। राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की जो घोषणा हुई थी उसके लिए इस बजट में 6.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर की स्‍वीकृति हुई है, इसके लिए भी हम अपने प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट करते हैं। मेरे आसियान देशों के प्रतिभागी छात्र और छात्राओं, इस हैकाथॉनके दौरान मैंने आप सभी के भीतर असीम क्षमताओं का का अनुभव किया है। मुझे पता है इस हैकाथॉन के द्वारा जो समस्‍याएं आपके सामने रखी गईं थीं वो मुख्‍यत: ब्‍लु  इकॉनामी  एवं शिक्षा से संबंधित थी। हमारे प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि ब्‍लु इकॉनामी भारत के विकास के लिए बहुत अहम है। हम अपने भारत-प्रशांत क्षेत्र की ब्‍लु इकॉनामी को एक साथ मजबूत करने के लिए कटिबद्ध हैं।

मुझे लगता है कि इस हैकाथॉन में सबसे दिलचस्‍प जो समस्‍या है वो समुद्री अपशिष्‍ट का मापन और समुद्र के किनारे जमे कूड़े को कम करना है यह समुद्री अपशिष्‍ट भारत के लिए ही नहीं बल्‍कि आसियान देशों के लिए बहुत बड़ा मुद्दा है। हमें एक साथ यह सुनिश्‍चित करने की आवश्‍यकता है कि हम अपनी झीलों, नदियों, समुद्र और महासागरों को स्‍वच्‍छ रखें। यह मुद्दा मेरे दिल के बहुत करीब है 2009 में जब मैं उत्‍तराखण्‍ड का मुख्‍यमंत्री था, तब मैंने एशिया का वाटर टॉवर कहे जाने वाले हिमालय में पवित्र गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के संरक्षण, सफाई और संवर्धन  के लिए बहुत बड़े पैमाने पर स्‍पर्श गंगा अभियान शुरू किया था और आज वो सफल हो रहा है और मुझे इस बात की खुशी है। तटीय सुरक्षा के समाधान पर टीमों ने नवीनतम तंत्र विकसित किया है, जिसमें आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस, उपग्रह चित्रों, शिपिंग मंत्रालय द्वारा प्रदान किये गये विशाल डेटा पर मशीन लर्निंग जैसे नवीनतम तंत्रों का उपयोग किया गया है, इन तकनीकों से तटीय सुरक्षा को और बढ़ाया जा सकता है तथा यह हमारी तटीय सीमाओं को समुद्री लड़ाकों और आतंकवादी हमलों से बचाने में भी मदद कर सकते हैं। मुझे आशा है कि इस समाधान को हमारे शिपिंग मंत्रालय द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा।

मैं इस अवसर पर समाधान की उपयुक्‍तता को देखने और इन युवाओं के साथ प्रस्‍तावित समाधान को और बेहतर बनाने का अनुरोध करता हूं ताकि ठोस और सार्थक परिणाम निकल सके। मुझे आशा है और बहुत खुशी भी है कि आप इस समस्‍या के अभिनव समाधान की दिशा में बहुत बढ़-चढ़कर काम कर रहे हैं। हमने भारत में अपने प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर स्‍वच्‍छ भारत अभियान आरंभ किया। इस आन्‍दोलन में हमने अपने नागरिकों की भागीदारी सुनिश्‍चित की।

लोग विभिन्‍न सामाजिक और डिजिटल प्‍लेटफार्मों का उपयोग करके कूड़े को कम करने हेतु बहुत बड़े पैमाने पर इस अभियान में सम्‍मिलित रहे। आसियान-इंडिया हैकाथॉन टीमों ने जो समाधान यहां प्रस्‍तुत किये हैं वह विभिन्‍न मिशनों के संदर्भ में बहुत ही प्रासंगिक हो सकते हैं। इस हैकाथन ने निश्‍चित रूप में भारत और आसियान देशों के युवाओं के बीच आपसी सहयोग, नेतृत्‍व एवं कार्य के आदान-प्रदान के लिए सुविधा उपलब्‍ध कराई है। आसियान समूह भारत का चौथा सबसे बड़ा व्‍यावसायिक साझेदार है जिसमें लगभग 86.9 मिलियन डॉलर का व्‍यापार होता है।

मुझे उम्‍मीद है कि इस हैकाथॉन की वजह से हम जल्‍द ही 100 मिलियन डॉलर के व्‍यापार से भी अधिक आगे बढ़ेंगे। मुझे इस बात की भी खुशी है कि यह हैकाथॉन सांस्‍कृतिक मूल्‍यों के एकीकरण के साथ इन देशों के बीच सहयोग में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस हैकाथॉन के माध्‍यम से आप सभी ने शांति और सद्भाव के साथ समस्‍याओं के समाधान को भी निकालना सीखा है। इन सब उद्देश्‍यों के साथ इस हैकाथॉन का प्रमुख उद्देश्‍य हमारे  राष्‍ट्रों को आत्‍मनिर्भर बनाने हेतु रोजगार सृजन करते हुए सतत विकास के लिए प्रोत्‍साहन प्रदान करना भी है। आज भारत-आसियान के देश अन्‍य देशों के लिए ऊर्जा, तालमेल, अंतर्राष्‍ट्रीय सौहार्द और सहयोग का आदर्श उदाहरण बन सकते हैं।

यदि भारत और आसियान देशों के प्राकृतिक संसाधनों और मानव संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाये तो मेरा मानना है कि मानवता एवं पूरी दुनिया के कल्‍याण के लिए एक नया आयाम खुल सकता है। एक बड़े जनसांख्‍यिकीय लाभांश के साथ विश्‍व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने के नाते मुझे यकीन है कि भारत का उदय समावेशी होगा और अन्‍य देशों को भी उसका लाभ मिलेगा। इसलिए मैं एक बार व्‍यक्‍तिगत रूप से भी आप सभी को अभूतपूर्व उपलब्‍धि के लिए बधाई देना चाहताहूं। मैं सभी से अनुरोध करना चाहता हूं कि इन सभी विचारों को स्‍टार्ट अप उद्यम में परिवर्तित करने की संभावना का पता लगाएं ताकि इन विचारों को तार्किक रूप से आगे बढ़ाया जा सके। मुझे यह भी निवेदन करना है कि यह आसियान इंडिया हैकाथॉन अब हर वर्ष आयोजित किया जाये।

मुझे उम्‍मीद है कि अगले वर्षफिर हम नये अवसरों एवं संभावनाओं के साथ आगे आएंगे। मैं सभी आसियान देशों के लोग जो हमसे जुड़ेहैं उन सभी को बहुत-बहुत धन्‍यवाद देता हूं।

 

बहुत-बहुत धन्‍यवाद!

 

कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्‍थिति:-

  1. डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार
  2. डॉ. एस. जयशंकर, माननीय विदेश मंत्री, भारत सरकार
  3. हाजी सुलेमान, माननीय शिक्षा मंत्री, ब्रुनेई
  4. डॉ. नोरोनी अहमद, माननीय उच्‍च शिक्षा मंत्री, मेलिशया,
  5. श्री लारेंस वोंग, माननीय शिक्षा मंत्री, सिंगापुर,
  6. डॉ. नताफेल तेप्‍पसुवान, माननीय शिक्षा मंत्री, थाईलैंड,
  7. डॉ. कोंगसी सेंग्‍मनी, माननीय उप शिक्षा मंत्री, लाओस,
  8. सुश्री रीवा गांगुली दास, सचिव, विदेश मंत्रालय, भारत सरकार
  9. प्रो. अनिल सहस्‍त्रबुद्धे, अध्‍यक्ष, एआईसीटीई
  10. डॉ. राकेश रंजन, अपर सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
  11. डॉ. अभय जैरे, मुख्‍य नवाचार अधिकारी, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार