टॉयथान का शुभारम्भ
दिनांक 05 जनवरी, 2021
माननीय शिक्षा मंत्री, डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
भारत सरकार में हमारी यशस्वी मंत्री स्मृती जी और आत्मनिर्भरभारत के निर्माण की ओर जो हमारे प्रधानमंत्री जी की मंशा है, उस आत्मनिर्भरभारत की दिशा में मैं धन्यवाद देना चाहता हूं स्मृति जी को। खिलौना उद्योगका भारत सहित सम्पूर्ण दुनिया में बहुत बड़ा मार्केट है। 7 लाख करोड़ खिलौनों का मार्केट है पूरी दुनिया में और अभी हमारे देश में जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जो 130 करोड़ लोगों का देश है और वहां 80 प्रतिशत जो खिलौना है, वह भी बाहर से आता है तो आज इस दिशा में हैकाथॉनकरने की कोशिश है क्योंकि मोदी सरकार ने हमेशा लोगों से विचार-विमर्श और परामर्श करने का रास्ता अपनाया है। चाहे नई शिक्षा नीति का विषय हो, चाहे तमाम नीतियों का हो, जहां दुनिया के सबसे बड़े नवाचार के साथ हम ठोस चीजों को निकालते हैं और आज मुझे इस बात की खुशी है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को आप लीड कर रही है और यह सारे प्रोजेक्ट भी आपके मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहे हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय तथा लघू और कुटीर उद्योग मंत्रालय से जुड़े अधिकारीतथाएआईसीटीई केचैयरमैन भी यहां पर है उनसे मैं कहना चाहता हूं कि हमारे देश में 1000 से तो अधिक विश्वविद्यालय हैं, 45 हजार डिग्री कॉलेज हैं, 15 लाख से भी अधिक स्कूल हैं और 1 करोड़ 9 लाख से भी अधिक अध्यापक हैं और छात्र-छात्राओं को यदि देखेंगे तो जितनी अमेरिका की कुल जनसंख्या नहीं होगी उससे भी अधिक हमारे देश में 33 करोड़ छात्र-छात्राएं हैं। तमाम संस्थान हैं देश के अन्दर, विश्वविद्यालयों में इतनी सामर्थ्यहै कि पीछे के समय में ही हमने इसका प्रमाण दिया है। यदि युक्ति पोर्टल का आप विजिट करेंगे तो कोविड के दौरान आईआईटी ने जो तमाम शोध एवं अनुसंधान किये हैं, जिसकी खुशुबु आज दुनिया में गई है और ‘युक्ति-2’ हजारों आईडियाज हमारे छात्रों के हैं जो पूरे देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं। सबसे बड़ी बात जब हम इतना बड़ा देश हैं और हमारे प्रधानमंत्री जी का विजन है कि 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था चाहिए जहां हम देश को ज्ञान की महाशक्ति बनाने चाहते हैं वहीं आर्थिकी की महाशक्ति की दिशा में भीहम अग्रसर हैं। खिलौना उद्योग का 7 लाख करोड़ का मार्केट है और अभी तो हम अपने ही देश की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं तो इसलिए यह अभियान याहैकाथॉन किया है। इससे भी पहले हमने स्मार्ट इंडिया हैकाथान किया है जिससे तमाम स्टार्टअप निकले हैं जिन्होंने बहुत ऊंचाइयां प्राप्तकी है। अभी हमने पीछे के दिनों में ‘सिंगापुर-इंडिया हैकाथान’ किया और भविष्य में हम आसियान देशों के साथ हैकाथॉनकरेंगे। अभी हमने औषधी के लिए भी कोविड के दौरान हैकाथॉन किया था।आपको याद होगा जब प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि जो स्कूली छात्र हैं उनके साथ हमने ‘ध्रुव’ कार्यक्रम किया था तो नवाचार के साथ हमारे उद्योग खिलौनो के क्षेत्र में भारत लीड कैसे कर सकता है इस दिशा में काम करने की जरूरत है। जैसा कि स्मृति जी ने कहा है कि यह जो मंशा है और भारत की संस्कृति के साथ जोडना है। हम जिन खिलौने के साथ खेलते हैं उसकी स्मृति आज भी बनी रहती है। उस खिलौने के माध्यम से ज्ञान का अर्जन कराना सबसे सशक्त माध्यम है और इसलिए हम भारत केन्द्रित शिक्षा नीति को लाये हैं। हम स्कूली शिक्षा में नवाचार के साथ वो भी इंटर्नशिप के साथ छठवीं कक्षासे ही हम वोकेशनल स्ट्रीम के साथ लेकर आ रहे हैं और शायद हमारा देश पूरी दुनिया में पहला देश होगा जो स्कूली शिक्षा में छठवीं से वोकेशनल पढ़ाएगा।स्मृति जी ने अभी भारत की संस्कृति की बात की वो हमारीताकत है। हम खिलौनो के माध्यम से जैसेअभी आपको मालूम है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने मन की बात में कहा था कि भारत की समृद्ध संस्कृति, इतिहास और नवाचार को अपने खेलों और खिलौनों में समाहित करने का यह समय आ गया है। जो हमारी संस्कृति है जिस पर यह देश विश्वगुरू रहा है, ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी में हमने पूरे विश्व को लीडरशिप दी है तो वो पूरी दुनिया को लीडरशिप बच्चों को स्वदेशीखिलौनों के माध्यम से कैसे करके हम लोग कर सकते हैं इसलिए यह टॉय हैकाथान आज आयोजित हो रहा है और इसमें स्वदेशी खिलौनों में जो भारत की विरासत एवं सांस्कृति संदर्भ हैं जिसमें बच्चों को सीखने के साथ कुछ ऐसी भी चीज निश्चित हो जिसमें गर्व की भावना हों। हमारे बच्चों मेंडीआरडीओ के बारे में आईआईटी, आईएसर, आईआईआईटी, एनआईटी के बारे में, राष्ट्र नायकों के बारे में चाहे हमारे छत्रपतिशिवाजी हों, महाराणा प्रताप हों, झांसी की रानी हों इन सबके बारे में जानकारी प्राप्त हो सके इसलिए उसको एआईसीटीई के साथ जोड़ा है कि जो हमारे छात्रों, अध्यापकों के आईडिजायज है वो कैसे करके आगे बढ़ सकते हैं जिससे हमारा देश फिर से विश्व गुरू के रूप में स्थापित हो सके और जो ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ है इन दोनों को जोड़करके एक नई चीज कैसे निकल सकती है, यह इसका हेतु है। इसका शुभारम्भ करते हुए मुझे खुशी हो रही है कि निश्चित हीयह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में नींव का पत्थर साबित होगा।
बहुत-बहुत धन्यवाद!
कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थिति:-
- डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक, माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार
- श्रीमती स्मृति ज़ुबिन ईरानी, माननीय महिला एवं बाल विकास मंत्री, भारत सरकार
- श्री अभय जेरे, मुख्य नवाचार अधिकारी,एआईसीटीई नई दिल्ली।